Friday, February 12, 2021

इतिहास

 एक महान माँ ने कमजोर दिमाग वाले बच्चे को एडिसन 'द  ग्रेट ' साइंटिस्ट कैसे बनाया, जाने पूरी कहानी 


दुनिया को बल्ब की रोशनी का तोहफा देने वाले मशहूर वैज्ञानिक थामस एल्वा एडिसन का आज जन्म दिन है।  उन्होंने सिर्फ बल्ब ही नहीं हजारो पेटेंट अपने नाम करवाए।  लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की कभी ऐसा भी दौर आया था जब उन्हें स्कूल ने पढ़ने से मन कर दिया था। लेकिन यह बात उन्हें पता तब चली जब वो फोनोग्राम और इलेक्ट्रिक बल्ब जैसे अविष्कार कर चुके थे।  उन्होंने अपने जीवन में अपने माँ से जुडी इस घटना का जिक्र भी किया है।  आइये जानते है उनके बारे में कुछ खास बाते ...

महान अमेरिकन अविष्कार और वयवसायी थामस एल्वा एडिसन का जन्म 11 फरवरी 1847 को हुआ था।  उनके नाम 1093 पेटेंट है।  जो उनके मेहनत को दर्शाते है।  आज दुनिया उनके अविष्कार का लोहा मानती है. बिजली के बल्ब की खोज इनकी सबसे बड़ी खोज मानी जाती है।  बिजली के बल्ब के अविष्कार करने में उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी।  एडिसन बल्ब बनाने में 10 हजार बार से अधिक बार असफल हुए है।  जिसपर उन्होंने कहा 'मैं कभी नाकाम नहीं हुआ बल्कि मैंने 10000 ऐसे रास्ते निकाले जो मेरे काम नहीं आ सके। '

एडिसन ने अपनी पहली प्रयोगशाला सिर्फ 10 साल की आयु में ही बना ली थी। उनकी माँ ने उन्हें एक ऐसी पुस्तक दी जिसमे कई सारी रसायनिक प्रयोग दिए हुए थे।  एडिसन को यह पुस्तक भा गयी और उन्होंने अपने सारे पैसे रसायनो पर खर्च करके यह सारे प्रयोग कर डाले।  थामस एडिसन का कोई प्रयोग पूरा होने को होता तो वह बिना होये लगातार 4 -4 दिन इस प्रयोग के ख़त्म होने तक लगे रहते है।  साथ ही काम करते समय कई बार अपना खाना खाना ही भूल जाते थे।  

उनके बचपन से जुड़े कई ऐसी किस्से है जो हमें बहुत कुछ सिखाते है।  उनमे से एक किस्सा बहुत प्रचलन में है।  जिसके अनुसार उन दिनों दी बात है जब थामस एल्वा एडिसन प्राइमरी स्कूल में पढ़ते थे।  एक दिन स्कूल की टीचर में उन्हें एक कागज दिया यह ले जाकर अपनी माँ को दे देना।  एडिसन ने माँ को दिया तो उनकी माँ नैंसी मैथ्यू एलियट जो की सुशिक्षित डच परिवार से थी , वह कागज पढ़ते पढ़ते तक़रीबन रो पड़ी। 

माँ को रोते देखकर एडिसन ने पूछा की ऐसा क्या लिखा है की आप रो पड़ी तो माँ ने कहा की यह ख़ुशी के आंसू है , इसमें लिखा है की आपका बेटा बहुत होसियार है और हमारा स्कूल निचले स्तर का है। यहाँ टीचर भी बहुत शिक्षित नहीं है इसलिए हम इसे नहीं पढ़ा सकते।  इसे अब आप स्वयं पढ़ाये। एडिसन भी इस बात से खुस हुए और घर पर ही अपने माँ से पढ़ना और सीखना सुरु कर दिया। 

कई साल बीत गए , वो पढ़ लिखकर एक स्थापित वैज्ञानिक बन चुके थे।  माँ उन्हें छोड़कर दुनिया से जा चुकी थी।  तभी एक दिन घर में कुछ पुरानी यादों को तलाशते उन्हें अपनी माँ की आलमारी से वही पत्र पढ़कर एडिसन अपने आँशु  नहीं रोक सके। क्युकी उस पत्र में लिखा था की आपका बच्चा बौद्धिक तौर पर काफी कमजोर है इसलिए उसे अब स्कूल न भेजे।  इसे एडिसन ने अपनी डायरी में लिखा की एक महान माँ ने बौद्धिक तौर पर काफी कमजोर बच्चे को सदी का महान वैज्ञानिक बना दिया 

थामस एडिसन ने 14 साल की उम्र में एक 3 साल के बच्चे को ट्रैन के निचे आने से बचाया। उस बच्चे के पिता ने एडिसन का बहुत धन्यवाद किया।  साथ ही एडिसन को टेलीग्राम मशीन चलनी सिखाई। बाद में एडिसन को कही पर टेलीग्राम चलाने के विषय में एक स्टेशन पर नौकरी भी मिल गयी।  उन्होंने अपनी नौकरी का समय रात को करवा लिया , ताकि प्रयोगो के लिए ज्यादा समय मिल सके।  

बता दें की एडिसन ने 40 इलेक्टिक लाइट बल्ब जलते देखने के लिए 3 हजार लोगो का हुजूम जुटा था।  जिसके बाद न्यूयार्क सिटी में पर्ल  स्ट्रीक पावर स्टेशन खोलने के बाद ग्राहकों को बिजली पहुचानी शुरू की गयी।  पहली बार बल्ब बनाने में 40 हजार की लगत आई थी।  लेकिन बता दें की साल 1879 से 1900 तक ही एडिसन अपनी सारी प्रमुख खोजे कर चुके थे और वह एक वैज्ञानिक से साथ साथ एक अमीर व्यापारी भी बन चुके थे।  उनका निधन 18 अक्टूबर 1931 को हुआ. 

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